Bal Gopal Yojana Rajasthan :मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के नये दिशा निर्देश

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Bal Gopal Yojana Rajasthan:- राजस्थान सरकार द्वारा बच्चों के पोषण और शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु “मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना” का शुभारंभ किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मिड डे मील कार्यक्रम के अंतर्गत सरकारी विद्यालयों, मदरसों, और विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो बार दूध प्रदान करना है। यह योजना बच्चों के पोषण स्तर में सुधार, उपस्थिति बढ़ाने, और ड्रॉपआउट दर कम करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।

Bal Gopal Yojana Rajasthan

वित्तीय वर्ष 2022-23 में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा मिड डे मील योजना के तहत बजट घोषणा के अनुसार यह योजना आरंभ की गई। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को पोषण और शिक्षा में सुधार हेतु पाउडर दूध प्रदान किया जा रहा है, जिसे राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड (RCDF) द्वारा खरीदा और आपूर्ति किया जाएगा।

Bal Gopal Yojana के उद्देश्य

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • विद्यार्थियों के नामांकन और उपस्थिति में वृद्धि।
  • ड्रॉप आउट की दर को कम करना।
  • पोषण स्तर को सुधारना।
  • बच्चों को आवश्यक पोषक तत्व (माइक्रो और मैक्रो न्यूट्रिएंट्स) उपलब्ध कराना।

पात्रता और लाभान्वित विद्यार्थी

इस योजना का लाभ मिड डे मील योजना से लाभान्वित सभी सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को दिया जाएगा।

Bal Gopal Yojana Rajasthan

दूध की मात्रा और वितरण

प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5 तक):

  • पाउडर मिल्क: 15 ग्राम प्रति छात्र
  • तैयार दूध: 150ml प्रति छात्र
  • चीनी: 8.4 ग्राम

उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6 से 8 तक):

  • पाउडर मिल्क: 20 ग्राम प्रति छात्र
  • तैयार दूध: 200ml प्रति छात्र
  • चीनी: 10.2 ग्राम

Bal Gopal Yojana Rajasthan का संचालन

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का संचालन निम्नलिखित चरणों में किया जाएगा:

दूध की आपूर्ति

राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड (RCDF) पाउडर मिल्क का क्रय करेगी और विद्यालयों तक उसकी डोर-स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित करेगी। मिड डे मील आयुक्तालय द्वारा जिलेवार दूध का आवंटन किया जाएगा।

दूध वितरण के दिन

  • मंगलवार और शुक्रवार को विद्यालयों में विद्यार्थियों को दूध प्रदान किया जाएगा। यदि इन दिनों विद्यालय बंद होता है, तो अगले कार्यदिवस पर दूध उपलब्ध कराया जाएगा।

समिति की जिम्मेदारी

विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) विद्यार्थियों को दूध उपलब्ध कराने की पूरी जिम्मेदारी उठाएगी।

6. आवश्यक व्यवस्थाएँ

बर्तन और उपकरण

विद्यालयों में दूध गर्म करने के लिए स्टेनलेस स्टील के बर्तन, जग, और गैस चूल्हे की व्यवस्था की जाएगी। इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विद्यालयों को ₹15,000 की राशि आवंटित की जाएगी।

चीनी की व्यवस्था

विद्यार्थियों को दूध में चीनी मिलाई जाएगी। कक्षा 1 से 5 के लिए 8.4 ग्राम और कक्षा 6 से 8 के लिए 10.2 ग्राम चीनी प्रति छात्र दी जाएगी। चीनी की खरीद स्थानीय बाजार से होगी और इसकी अधिकतम दर ₹45 प्रति किलोग्राम रखी गई है।

ईंधन

दूध गर्म करने के लिए ईंधन की व्यवस्था के तहत विद्यालयों को प्रति माह ₹1500 की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

दूध तैयार करने की विधि

दूध तैयार करते समय निम्नलिखित कदमों का पालन किया जाएगा:

  • पाउडर मिल्क को हल्के गर्म पानी में घोलकर पेस्ट बनाएं।
  • निर्धारित मात्रा में पानी में मिलाकर दूध बनाएं और गर्म करें।
  • चीनी को गर्म दूध में मिलाएं ताकि वह पूरी तरह से घुल जाए।
  • यदि दूध बनाने के बाद मिल्क पाउडर बच जाता है, तो उसे एयर-टाइट डिब्बे में संग्रहित किया जाए।

गुणवत्ता मापदंड

दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए RCDF द्वारा पाउडर मिल्क की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। दूध के वितरण से पहले एक शिक्षक और एक अभिभावक या SMC सदस्य दूध का परीक्षण करेंगे।

Bal Gopal Yojana में सहभागिता

राज्य स्तर

राज्य स्तर पर आयुक्त मिड डे मील योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उत्तरदायी होंगे। त्रैमासिक रूप से आवश्यक धनराशि का वितरण किया जाएगा।

जिला स्तर

जिला स्तर पर जिला कलेक्टर इस योजना की निगरानी करेंगे। मध्यान्ह भोजन योजना की तर्ज पर जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है जो मासिक बैठकें आयोजित करेगी।

ब्लॉक स्तर

ब्लॉक स्तर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी योजना के सुचारु संचालन के लिए उत्तरदायी होंगे। ब्लॉक स्तरीय समिति मासिक समीक्षा करेगी।

ग्राम पंचायत स्तर

ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी योजना की निगरानी करेंगे।

विद्यालय स्तर

विद्यालय स्तर पर विद्यालय प्रबंधन समिति इस योजना की ज़िम्मेदारी उठाएगी। दूध की गुणवत्ता, वितरण, और आवश्यक बर्तनों की उपलब्धता की निगरानी करेगी।

महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश

  • छात्रों को उबला हुआ दूध ही वितरित किया जाए।
  • दूध वितरण के लिए स्वच्छ बर्तनों का उपयोग किया जाए।
  • यदि दूध खराब हो जाता है, तो उसे छात्रों को नहीं दिया जाएगा।
  • दूध तैयार करने में साफ पानी का इस्तेमाल किया जाए।
  • किसी भी आपातकालीन स्थिति में निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर छात्र का उपचार कराया जाए।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना बच्चों के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य न केवल छात्रों के पोषण स्तर को बढ़ाना है बल्कि उनकी शैक्षिक उपस्थिति और संलग्नता में भी वृद्धि करना है।

Sunil Kumar- सुनील कुमार इस ब्लॉग (Techautomob.in) के फॉउंडर है इन्हे टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में 5 साल का अनुभव है। यह इस ब्लॉग पर टेक, फ़ोन और ऑटोमोबाइल से जुडी हुई जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।

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